tag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post7102789529957533145..comments2023-10-15T13:56:50.114+05:30Comments on माँ !: माँ के भी बदले हैं स्वरुपAdminhttp://www.blogger.com/profile/00173695170181012895noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-26288533976369133402009-07-18T15:37:49.211+05:302009-07-18T15:37:49.211+05:30अति से हो रही
दुर्गति है यह।अति से हो रही<br />दुर्गति है यह।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-36117506522726819152009-07-17T10:02:23.266+05:302009-07-17T10:02:23.266+05:30इस विषय पर विस्तार से शोध की जरूरत है. चिंतन के लि...इस विषय पर विस्तार से शोध की जरूरत है. चिंतन के लिये प्रेरित करने के लिये आभार.<br /><br />सस्नेह -- शास्त्री<br /><br />हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है<br />http://www.Sarathi.infoShastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-53838980980805182402009-07-16T23:31:18.204+05:302009-07-16T23:31:18.204+05:30आपने बिलकुल सही कहा है कि माँ के इस घृणास्पद स्वरू...आपने बिलकुल सही कहा है कि माँ के इस घृणास्पद स्वरूप के क्या कारण हो सकते हैं, इस पर बहुत गहन सामाजिक शोध की आवश्यकता है।sonalhttps://www.blogger.com/profile/07403340378962668785noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-60319791219440215812009-07-16T22:48:49.447+05:302009-07-16T22:48:49.447+05:30अब क्या कहे, नारी के बहुत से अलग अलग रुप हे, यह चा...अब क्या कहे, नारी के बहुत से अलग अलग रुप हे, यह चाहे तो घर को स्बर्ग बना दे, मां शब्द को मंदिर सा पबित्र बना दे,ओर यह चाहे तो घर को नरक बना दे... मां शब्द को एक गाली बना दे.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-3761203918602433332009-07-16T21:51:39.666+05:302009-07-16T21:51:39.666+05:30कृपया नियम पढें, नि.म नही ।कृपया नियम पढें, नि.म नही ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-89255340984277063312009-07-16T21:50:00.716+05:302009-07-16T21:50:00.716+05:30आपका कहना सही है परंतु सिर्प माँ को दोष देने से ही...आपका कहना सही है परंतु सिर्प माँ को दोष देने से ही काम नही बनता इसके लिये शायद हमें उस माँ के बचपन में जाकर उसकी स्थितियों को समझना होगा ।<br />और अपवाद ही तो नि.मको पुख्ता बनाते हैं । कहीं न कहीं समाज़ भी उत्तर दायी है इन स्थितियों के लिये ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-80565054699856194912009-07-16T20:56:07.430+05:302009-07-16T20:56:07.430+05:30inko kripaya "MAA" na kahiye ........ye ...inko kripaya "MAA" na kahiye ........ye "MAA"nahin ho sakti bhale hi kuch aur hon ! Bhawna Kukretihttps://www.blogger.com/profile/01524665656092886448noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-2580588830121017702009-07-16T20:31:41.390+05:302009-07-16T20:31:41.390+05:30आपकी चिन्ता जायज है। लेकिन मेरा मानना है कि सिर्फ ...आपकी चिन्ता जायज है। लेकिन मेरा मानना है कि सिर्फ किसी बच्चे को जन्म देकर कोई स्त्री माँ नहीं बन सकती। अजस्त्र ममता के साथ माँ शब्द की अपनी गुरूता है। मुनव्वर राणा साहब कहते हैं कि-<br /><br />मेरे गुनाहों को इस कदर धो देती है।<br />माँ जब गुस्सा में हो तो रो देती है।।<br /><br />लेकिन फिर सवाल उठता है कि ऐसी घटनायें (जो आपने उदाहरण स्वरूप दिया है) क्यों माँ के द्वारा ही की जातीं हैं। यदि तीनों घटनाओं को देखें वो तथाकथित माँएं कामांधता के कारण ऐसा कर सकीं। क्या जो सचमुच माँ है, ऐसा कर सकेंगी। शायद कभी नहीं। <br /><br />सार्थक बिषय का चुनाव आपके द्वारा।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन <br />09955373288 <br />www.manoramsuman.blogspot.com<br />shyamalsuman@gmail.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-680458194981205930.post-56056570853705038952009-07-16T19:30:39.887+05:302009-07-16T19:30:39.887+05:30yah bhi ek soch ki wishay hai ki aourat kyo maa ka...yah bhi ek soch ki wishay hai ki aourat kyo maa kam stri samajhane lagi hai.....ओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.com