Thursday, December 25, 2008

मातृत्व

उसके आने के अहसास से
सिहर उठती हूँ
अपने अंश का
एक नए रूप में प्रादुर्भाव
पता नहीं क्या-क्या सोच
पुलकित हो उठती हूँ
उसकी हर हलचल
भर देती है उमंग मुझमें
बुनने लगी हूँ अभी से
उसकी जिन्दगी का ताना-बाना
शायद मातृत्व का अहसास है।

आकांक्षा यादव
w/o कृष्ण कुमार यादव
kkyadav.y@rediffmail.com

31 comments:

हिंदी साहित्य संसार : Hindi Literature World said...

मातृत्व भाव पर आकांक्षा जी की कविता पढ़कर मन पुलकित हो गया. नारी के जीवन में मातृत्व से बड़ा कोई सुख नहीं !!

Unknown said...

अति सुन्दर भावाभिव्यक्ति...बधाई.

Amit Kumar Yadav said...

उसकी हर हलचल
भर देती है उमंग मुझमें
बुनने लगी हूँ अभी से
उसकी जिन्दगी का ताना-बाना
शायद मातृत्व का अहसास है।
....................
पढ़कर माँ की याद आ गई. इस पवित्र रिश्ते के अहसास को आपकी कलम ने खूबसूरत रंग दिए हैं.

Dr. Brajesh Swaroop said...

माँ के बगैर हम जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते। वेदों व पुराणों में भी लिखा गया है कि जननी व जन्मभूमि स्वर्ग से भी महान होती है।

दिनेशराय द्विवेदी said...

सुंदर भावाभिव्यक्ति!

Anonymous said...

आकांक्षा जी ने विचारों को सहजता और सरलता से व्यक्त कर इस कविता को अविलक्षण रूप में ग्राह्य बना दिया है। आपकी संवेदनाओं व भावनाओं को नमन।

Anonymous said...

Please Welcome today santa-clause with lots of love.

सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी said...

मातृत्व का भावबोध कराती यह कविता बहुत सहज ढंग से अपनी बात कहती है। बधाई।

www.dakbabu.blogspot.com said...

Lo main aa gaya....marry christmas.

www.dakbabu.blogspot.com said...

आज क्रिसमस है. मदर मेरी के पुत्र यीशु का जन्म-दिन. इस अवसर पर आकांक्षा जी की यह कविता दिल को छू जाती है. आकांक्षा जी मेरा प्रणाम स्वीकार करें !!!!

Anonymous said...

bahut sundar ehsaas

संगीता पुरी said...

मातृत्‍व के सुखद अहसास का सुंदर चित्रण।

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

बहुत सुंदर कविता

Vinay said...

बहुत बढ़िया, भई

---
चाँद, बादल, और शाम
http://prajapativinay.blogspot.com/

गुलाबी कोंपलें
http://www.vinayprajapati.co.cc

Ram Shiv Murti Yadav said...

अपने अंश का
एक नए रूप में प्रादुर्भाव
पता नहीं क्या-क्या सोच
पुलकित हो उठती हूँ...Beautiful emotions.

KK Yadav said...

Very-Very Thanks for such comments.

Dr. Brajesh Swaroop said...

Belated wishes of merry x-mas.

KK Yadav said...

धन्यवाद मित्रों, आप सभी को 'बड़ा दिन' और 'नव वर्ष की' ढेरों शुभकामनायें.

Harshvardhan said...

very nice
kee it up

Harshvardhan said...

very nice
kee it up

Unknown said...

Maa saari bhawnao ko samete ek aisa ehsas hai....jise shabon main pirona bahut muskil hai ....aapka pryas achha laga......likhte raho...


Naye saal ki nayi nayi Shubhkamnayen...
Jay Ho Magalmay Ho.... 2009

अनुपम अग्रवाल said...

मात्र्तव का एहसास, स्त्री जीवन की पूर्णता का एहसास है .
ऐसा विद्वान कहते हैं .
आपके शब्द इस भावना के आदर में मनोहर अभिव्यक्ति हैं

Unknown said...

bahut he accha ehsaah raha...bahut he umda aur acchi rachna hai..

Anonymous said...

.....और लो हम भी आ गए नए साल की सौगातें लेकर...खूब लिखो-खूब पढो मेरे मित्रों !!नव वर्ष-२००९ की शुभकामनायें !!

Dr. Brajesh Swaroop said...

माँ ब्लॉग न सिर्फ अपने सामाजिक-साहित्यिक दायित्वों की अनुपम ढंग से पूर्ति करता है बल्कि कई नए मानदंड भी स्थापित करता है. ..बधाई !!

www.dakbabu.blogspot.com said...

****आप सभी के जीवन में नव-वर्ष -२००९ सारी खुशियाँ लाये****

Unknown said...

आपको भी नए साल पर ढेरों मुबारकवाद.

RADHIKA said...

बहुत ही सुंदर कविता रची हैं आपने ,शायद हर माँ बनने वाली औरत ऐसा ही महसूस करती हैं .बधाई ,नविन वर्ष की शुभकामनाये

Akanksha Yadav said...

नया साल...नया जोश...नई सोच...नई उमंग...नए सपने...आइये इसी सदभावना से नए साल का स्वागत करें !!! नव वर्ष-२००९ की ढेरों मुबारकवाद !!!

Unknown said...

अन्न,धन,सुख-समृ्द्धि,उमंग,शांती,प्रेम एवं सौहार्द के नए रंग आपके जीवन में बहती रहे. नूतन वर्ष मंगलमय हो !!!

रंजू भाटिया said...

माँ बनने का एक मीठा सा एहसास है इन पंक्तियों में पूरी तरह से उभर कर आया है सुंदर