माँ ,
एक शब्द ,
छिपा है जिसमे ,
एक अनोखा संसार !
माँ ,
एक शब्द ,
आँचल में जिसकी ,
सुकून है सारे जहाँ का !
माँ ,
एक शब्द ,
गहराई है जिसकी ,
अथाह सागर के समान !
माँ ,
एक शब्द ,
सबसे है न्यारा ,
सबसे प्यारा ये शब्द !
– सोनल पंवार
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10 comments:
bahut sundar abhivyakti ki ma shabd ki....bahut achche
मां वो शव्द है जिस मै छिपी है सारी सृष्टि. बहुत सुंदर लगी आप की कविता, धन्यवाद
बहुत सुन्दर कविता ..माँ पर जितना लिखा जाए ....कम ही है ,,,,फिर भी आपने बहुत अच्छा लिखा ...........ऐसा ही कुछ माँ पर हमने लिखने की कोशिश की है ...बस आपके अमूल्य सुझाव की प्रतीक्षा में है
http://athaah.blogspot.com/
माँ एक एहसास है
माँ विश्वास है
माँ भले ही एक शब्द हो ... पर उस शब्द से जुड़ा जो व्यक्तित्व है वो हमारे जीवन का आधार है, हमारे रूह का आधार है ...
बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना
बहुत सुन्दर कविता ..माँ पर जितना लिखा जाए ....कम ही है ,
जो मां से प्यार नहीं करता वो भला किस से प्यार कर सकता है।मां के चरणों में ही संसार बसता है।
बिल्कुल सही कहा आपने मा शब्द मे ही पूरी दुनिया समाहित हॆ..
bahetareen rachana.... Maa kel iye jitna likhe utna kam hain..
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