कहते हैं, क्यूं कि ईश्वर हर जगह नही हो सकता इसी लिये उसने माँ बनाई है ।
इस संदर्भ में मुझे बचपन में सुनी हुई एक कहानी याद आ रही है ।
एक माँ थी और उसका एक छोटा सा बेटा । माँ मेहनत करके बच्चे को बड़ा कर रही थी । कालांतर में बच्चा बडा़ हो गया । जवान हुआ । लायक भी हो गया । और जैसे कि होना चाहिये और होता है उसे प्रेम हो गया ।
प्रेमिका औऱ प्रेमी बहुत खुश । चाह हुई कि घर संसार बसायें । पर प्रेमिका नही चाहती थी कि उन दोनों के बीच कोई तीसरा भी हो । तो उसने अपने प्रेमी से पूछा, ”तुम मुझसे कितना प्यार करते हो “ उसने कहा , “मैं दुनिया में सबसे ज्यादा तुम्हें चाहता हूँ “। उसने कहा,” साबित कर सकोगे” उसने कहा , “हाँ “ । “तो तुम अपनी माँ का दिल लेकर आओ” प्रेमिका बोली ।
लडका तो प्रेम में पागल हो रहा था, घर आया और माँ को मार कर उसका दिल निकाल लिया । लडका दिल लेकर प्रेमिका को अर्पण कर ने जा रहा था कि उसे ठोकर लगी और हाथ से माँ का दिल फिसल कर गिर गया । लडका उसे झुक कर उठाने लगा तो दिल में से हलके से आवाज़ आई , “बेटा तुझे कहीं चोट तो नही आई” ।
Tuesday, June 23, 2009
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12 comments:
मा को सलाम्
सुनी कथा होकर भी चोट कर गई कहीं.
मुनव्वर राणा साहब कहते हैं कि-
मेरे गुनाहों को वो इस कदर धो देती है।
माँ जब गुस्सा में हो तो रो देती है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
सही है!!!
बहुत सुंदर, ओर आज कल तो हो भी यही रहा है, मां बाप बोझ है बेटो पर, कितने बच्चे मां बाप को संग रखते है ???
जिस ने मां का दिल दुखाया, मां चाहे ना उसे कुछ कहे लेकिन ....
धन्यवाद
मुझे शिकायत है
पराया देश
छोटी छोटी बातें
नन्हे मुन्हे
Asankhy baar sunne par bhi har baar chot utne hi jor se lagtee hai.
maa toh hai maa
maa toh hai maa
maa jaisee duniya me
hai koi kahaan ?
_________________badhaai !
ह्रदय को छू गयी.
kafi purani ye kahani hain kintu jab bhi padhte hain to bhi dard se mann bhar jata hain, waise aaj ke daur main kahi na kahi aissa chal raha hain
... मार्मिक अभिव्यक्ति !!!!!!
yeh kahani jitni baar bhi padho ya suno........... hamesha nayi hi lagti hai.......
माँ,जैसा दूसरा कोई हो नही सकता,
सुंदर अभिव्यक्ति
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