" माँ एक अनमोल सौगात "
मेरे जीवन के बिखरे मोती की माला है माँ ,
मेरी आंखों के दर्पण की निर्मल ज्योति है माँ ,
तपती धूप में ममता की शीतल छाँव है माँ ,
दुःख के कटु क्षणों में एक मधुर मुस्कान है माँ ,
मेरे जीवन के इस गागर में प्यार का सागर है माँ ,
पिता है अगर नींव तो प्यार का संबल है माँ ,
त्याग और प्यार की सच्ची मूरत है माँ ,
इस दुनिया में भगवान की सबसे अनमोल सौगात है माँ !
- सोनल पंवार
(princhhi.blogspot.com)
(spsenoritasp@gmail.com)
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8 comments:
सुंदर प्यार और श्रद्धा के भावों से भरपूर कविता।
वाह अगर ऎसी कविता हो तो भगवान की आरती करने की भी जरुरत नही,
बहुत सुंदर
धन्यवाद
बहुत भावपूर्ण.
aapne nihaal kar diya
maa ke mamatva se malamal kar diya...
aapko badhaai !
भावभीनी कविता ।
सुंदर रचना।
जय हो
Aap sabhi ki in amulya tippanniyon ke liye bahut-bahut dhanyawad.
Regards
Sonal.
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