din manane ka tatparya ye nahi ki ham baaki din maa ko bhoole baithe ho...bas saal ka ek din duniya bhar ki maaon ko samarpit kar dena hi maatr divas ka prayojan hai....
माँ का स्थान मानव जीवन में सर्वोन्नत है. लेकिन कई बार हम लोग माँओं के प्रति आदर दिखाना भूल जाते हैं. माँ (Maatashri.blogspot.com) एक सामूहिक चिट्ठा है जहां कोई भी चिट्ठाकार "मां" विषय के विभिन्न कोणों पर आलेख छाप सकता है. चिट्ठे पर यदि आप कुछ छापना चाहते हैं तो उसे Admin.Mataashri@gmail.com पर भेज दें. अपने बारे में भी जानकारी दें जिसे लेख के अंत में जोडा जा सके.
10 comments:
din manane ka tatparya ye nahi ki ham baaki din maa ko bhoole baithe ho...bas saal ka ek din duniya bhar ki maaon ko samarpit kar dena hi maatr divas ka prayojan hai....
माँ की वाणी सा
कोई बोल नहीं है
हर दिन उसका है
ममता का कोई मोल नहीं है
माँ के नाम तो हर पल है
फिर भी एक दिन माँ के नाम किया क्यूंकि
जीवन के आपा धापी में मशरूफ दुनिया
उस एक दिन माँ को याद करे
मन में अब अभिलाषा एक ,
चाहे मिले जन्म अनेक |
गोंद तुम्हारी , प्यार तुम्हारा ,
आँचल का हो सार तुम्हारा |
माँ के लिए एक दिन एक साल एक जीवन भी काफी नहीं है पर जीवन की आपाधापी में हम समय कहाँ दे पाते है कम से कम एक दिन तो याद कर ले माँ को
हर दिन नही जी हर पल होता है मां का.
बहुत सुंदर कविता
धन्यवाद
दिलीप जी ने सही कहा है!
आज मदर्स डे है...बधाई.
पाली पाली पाखी का आना
मुझे बहुत अच्छा लगा है।
देखा मैं तुतला गया हूं।
सबके विचारों और सुझावों से हूं सहमत।
बनी रहे सब पर सदा ही मां की रहमत।।
काश आपकी यह इच्छा सही सिद्ध हो जाये अविनाश भाई !
माँ की पूजा रचा का प्रत्येक क्षण है । वर्ष मे दो बार नवरात्रि । मातृनवमी आदि । मदर्स डे तो नाटक है ।
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