Sunday, May 9, 2010

मां का मतलब हां है (अविनाश वाचस्‍पति)

हर दिन होता है मां का

नहीं प्रश्‍न इसमें ना का

फिर मनाते हैं क्‍यों सब

सिर्फ एक दिन हां का

10 comments:

दिलीप said...

din manane ka tatparya ye nahi ki ham baaki din maa ko bhoole baithe ho...bas saal ka ek din duniya bhar ki maaon ko samarpit kar dena hi maatr divas ka prayojan hai....

M VERMA said...

माँ की वाणी सा
कोई बोल नहीं है
हर दिन उसका है
ममता का कोई मोल नहीं है

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

माँ के नाम तो हर पल है
फिर भी एक दिन माँ के नाम किया क्यूंकि
जीवन के आपा धापी में मशरूफ दुनिया
उस एक दिन माँ को याद करे

Deepak chaubey said...

मन में अब अभिलाषा एक ,
चाहे मिले जन्म अनेक |
गोंद तुम्हारी , प्यार तुम्हारा ,
आँचल का हो सार तुम्हारा |

माँ के लिए एक दिन एक साल एक जीवन भी काफी नहीं है पर जीवन की आपाधापी में हम समय कहाँ दे पाते है कम से कम एक दिन तो याद कर ले माँ को

राज भाटिय़ा said...

हर दिन नही जी हर पल होता है मां का.
बहुत सुंदर कविता
धन्यवाद

nilesh mathur said...

दिलीप जी ने सही कहा है!

Akshitaa (Pakhi) said...

आज मदर्स डे है...बधाई.

अविनाश वाचस्पति said...

पाली पाली पाखी का आना
मुझे बहुत अच्‍छा लगा है।
देखा मैं तुतला गया हूं।

सबके विचारों और सुझावों से हूं सहमत।
बनी रहे सब पर सदा ही मां की रहमत।।

Satish Saxena said...

काश आपकी यह इच्छा सही सिद्ध हो जाये अविनाश भाई !

अरुणेश मिश्र said...

माँ की पूजा रचा का प्रत्येक क्षण है । वर्ष मे दो बार नवरात्रि । मातृनवमी आदि । मदर्स डे तो नाटक है ।