Tuesday, September 14, 2010

मातृभाषा, मातृभूमि व माँ का कोई विकल्प नहीं...

4 comments:

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } said...

और हम लोग इन्ही की बेकद्री कर रहे है .

राज भाटिय़ा said...

आज ना कोई मातृभाषा की इज्जत करता है ओर ना ही मातृभूमि तो ऎसा आदमी माँ की इज्जत भी क्या करेगा, इन्हे चाहिये पैसा जिस के लिये यह इन तीनो को भी बेच दे.
आप से सहमत है जी

डॉ. मोनिका शर्मा said...

बहुत बढ़िया प्रस्तुति ....

शरद कोकास said...

सहमत