क्या आपको याद है ...
होली के अवसर पर माँ आपके लिए क्या क्या करती थी , गुझिया बनाने से लेकर रंग और पिचकारी का इंतजाम , नए नए वस्त्र सिलवाना और अंत में घंटो रगड़ रगड़ के नहलाना धुलाना ! सारा त्यौहार उन दिनों माँ के इर्द गिर्द ही घूमता था ! त्यौहार और खुशियों का पर्याय होती थी तब माँ !
इस होली पर आप बच्चों के लिए ही सब कुछ कर रहे हैं या माँ भी उसमें शामिल है ! इस होली पर आपको शुभकामनायें देते हुए मैं , आपको माँ के बारे में थोडा अधिक ध्यान दिलाना चाहता हूँ !
आशा है बुरा न मानेंगे ! उन्हें आपकी अधिक जरूरत है .....
Saturday, February 27, 2010
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12 comments:
आप तो गुब्बारों में
रंगों में मशगूल रहते हैं
खेलते झगड़ते रहते हैं
मां ध्यान रखती हैं बच्चों का
खाली पेट न होली खेलते रहें।
होली के पावन पर्व पर सतीशजी की यहाँ रचना को सादर प्रणाम
होली की शुभकामनायें...
बहुत अच्छा सन्देश है होली की शुभकामनायें
होली की आप को ओर आप के परिवार को बहुत बहुत बधाई
होली की शुभ कामनाएं । सभी माँओं को शुभ होली ।
आप ने सही कहा..और इसी ब्लॉग की पोस्ट से
माँ तो है संगीत रूप
माँ गीत रूप, माँ नृत्य रूप
माँ भक्ति रूप, माँ सक्ति रूप
माँ की वाणी है मधु स्वरूप
गति है माँ की ताल रूप
सब कर्म बने थिरकन स्वरूप
व्यक्तित्व बना माँ का अनूप
शृद्धा की है वह प्रतिरूप
माँ के हैं अनगिनत रूप .
होली पर माँ को याद करते हुए मेरे अभिन्न मित्र स्वर्गीय ओम व्यास की कविता याद आती है :-
माँ
चिंता है, याद है, हिचकी है .
बच्चे की चोट पर सिसकी है .
माँ चूल्हा, धुंआ, रोटी और
हाथों का छाला है .
माँ ज़िन्दगी की कड़वाहट में
अमृत का प्याला है .
माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है .
माँ फूंक से ठंडा किया हुआ
कलेवा है .
varshha ji,mannto hameshhi sath rahti hai.drishy va adrishy dono hi roopo me unakaashirvad hamesha hamare sath hotahai.
poonam
sach much me maa hi to dhyan rakhati har tiij,parv par ghar se lekar bachacho ke khane pine va kapado ki vyavastha aadi kato har pawan parva par aapake saath judi rahati hai.
poonam
माँ की याद आ गई!
TCL INDIA parivar ke aur se Holi ke Ranga rang Shubhkamnaiye.
http://tclindiaholdingspvtltd.blogspot.com/
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