माँ ,
एक शब्द ,
छिपा है जिसमे ,
एक अनोखा संसार !
माँ ,
एक शब्द ,
आँचल में जिसकी ,
सुकून है सारे जहाँ का !
माँ ,
एक शब्द ,
गहराई है जिसकी ,
अथाह सागर के समान !
माँ ,
एक शब्द ,
सबसे है न्यारा ,
सबसे प्यारा ये शब्द !
- सोनल पंवार
( spsenoritasp@gmail.com )
( http://princhhi.blogspot.com )
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11 comments:
माँ- एक संपूर्ण सृष्टि!!
बहुत सुन्दर..
माँ की महिमा अकथनीय है। बस सोचते जाइए और डूबते जाइए।
माँ! नहीं है,
केवल एक नाम
वह स्रोत है
जगत का
वह आदि प्रकृति है,
प्रधान!
मां बहुत सुंदर लगा इस शव्द को पढ कर, आत्मा पबित्र हो गई.
धन्यवाद
मा के लिये जो भी कहा जाये कम ही रहता है
बधाई इस सुन्दर कविता के लिये
माँ
चिंता है, याद है, हिचकी है .
बच्चे की चोट पर सिसकी है
माँ चूल्हा, धुआं, रोटी और हांथों का छाला है.
माँ जिंदगी की कड़वाहट में अमृत का प्याला है.
माँ त्याग है, तपस्या है, सेवा है.
माँ फूक से ठंडा किया हुआ कलेवा है.
[] ॐ व्यास ॐ को श्रद्धांजलि के साथ
राकेश 'सोऽहं'
आज पहली बार आया और मोहित हो गया
माँ को शब्दो मे नही बाँधा जा सकता है।
गजब की रचना !!
आप सभी को मेरी कविता अच्छी लगी इसके लिए तहे दिल से शुक्रिया !
धन्यवाद् !
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरुवार, आज 29 अक्तूबर 2015 को में शामिल किया गया है।
http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप सादर आमत्रित है ......धन्यवाद !
माँ ,
एक शब्द ,
आँचल में जिसकी ,
सुकून है सारे जहाँ का !
बहुत खूब !!
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