[ “माता-पिता” कविता मेरी वो पहली कविता है , जिसे मैंने अपने पापा-मम्मी को उनकी marriage anniversary पर तोहफे के रूप में दी थी !आशा करती हूँ कि आप सभी को मेरी यह कविता अच्छी लगेगी ! ]
” माता-पिता ”
माता-पिता ,
ईश्वर की वो सौगात है ,
जो हमारे जीवन की अमृतधार है !
आपसे ही हमारी एक पहचान है ,
वरना हम तो इस दुनिया से अनजान थे !
आपके आदर्शों पर चलकर ही ,
हर मुश्किल का डटकर सामना करना सीखा है हमने !
आपने ही तो इस जीवन की दहलीज़ पर हमें ,
अंगुली थामे चलना और आगे बढ़ना सिखाया है ,
वरना एक कदम भी न चल पाने से हम हैरान थे !
आपके प्यार और विश्वास ने काबिल बनाया है हमें ,
जीवन के हर मोड पर आज़माया है हमें ,
वरना हम तो जीवन की कसौटियों से परेशान थे !
आपने हमेशा हर कदम पर सही राह दिखायी है हमें ,
अच्छे और बुरे की पहचान करायी है हमें !
आपने दिया है जीवन का ये नायाब तोहफा हमें ,
जिसे भुला पाना भी हमारे लिए मुश्किल है !
आपकी परवरिश ने ही दी है नेक राह हमें ,
वरना हम तो इस नेक राह के काबिल न थे !
आपसे ही हमारे जीवन की शुरुआत है ,
आपसे ही हमारी खुशियाँ और आबाद है ,
आप ही हमारे जीवन का आधार है ,
आप से हैं हम ,
और आप से ही ये सारा जहांन है !
-सोनल पंवार
(spsenoritasp@gmail.com)
(http://princhhi.blogspot.com)
' माँ ' और ' पिताजी ' ब्लॉग के अलावा ' माता-पिता ' नाम से भी एक ब्लॉग होना चाहिए ताकि हम माता-पिता से सम्बंधित रचनाओं को पोस्ट कर अपने माता-पिता के प्रति सम्मान को व्यक्त कर सके !
धन्यवाद् !
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7 comments:
बहुत सुन्दर पूरे समर्पण भाव से रची गई रचना. शब्दों में जितनी ताकत बन पड़ती है वो दिख रही है.वैसे यह भाव शब्द में बाँधना यूँ संभव ही नहीं.
आपके प्रयास को बधाई.
वैसे एक ही रचना को तीन तीन जगह से छापने का उद्देश्य-जरा बतायें-हमें तो समझ नहीं आया!!
सच कहा आपने ..हमारे जीवन में माँ बाप का योगदान ना भूलने वाली बात होती है..माता पिता का क़र्ज़ कभी नहीं उतरा जा सकता..!बहुत ही दिल छू लेने वाली रचना के लिए बधाई....
सोनल जी, माँ विषय के अलावा पिता और मातापिता विषय पर भी रचनायें इस चिट्ठे पर छापी जा सकती हैं. सस्नेह -- शास्त्री
हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है
http://www.Sarathi.info
सुंदर भावपूर्ण रचना हर संतान के मन की बात कहती हुई।
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद् !
MATA PITA BAHUT HI SARGARBHIT RACHNADIL KO CHOO LENE WALI MARMIK RACHNA KASH AAJ KE YUVA KUCHH SABAK LEY. DHANYAVAD ASHOK KHATRI BAYANA RAJASTHAN
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