Thursday, September 18, 2008

माँ तू महान है

माँ, वो शब्द जिसके बारें मे सोचतें ही आंखों के सामने एक ममतामयी मूरत आ जाती है। ये वो शब्द है जिसको शब्दों या वाक्यों से परिभाषित करना असम्भव है। और मेरे लिए तो ये और कठिन कम है क्योकि शब्दों से जादू का खेल, मुझे नही आता।

माँ की ममता तो निश्वार्थ होती है, तो फिर कुछ शब्द कहके इसे अपमानित क्यो किया जाएँ?
मैं अब ये नही कहूँगा की मेरी माँ इस जगत की सबसे अच्छी माँ है क्योकि मैं जानता हूँ सब यही सोचेंगे और फिर हो जायेगा व्यर्थ का द्वंध। और वैसे भी इसकी तुलना करना.........

मैं, अंकित, यहाँ इंदौर में अपने घर से काफी दूर पढने के लिए आया हूँ। कोई भी दिन ऐसा नही जिस दिन मैंने माँ को याद नही किया हों। जैसा की मैंने पहले ही कहा है माँ को शब्दों में नही बाँध सकतें।

पर किसी ज़माने की एक कहावत याद आ गई, "जहाँ ना पहुचें रवि, वह पहुचे कवि। "
इसीलिए मैं अपनी चोटी सी कविता इस दुनिया की सभी माताओं को समर्पित करना चाहूँगा। आप तो जानते ही है की मैं कविता नही करता पर फिर भी बस ऐसे ही दिल चाहा, तो हाजिर है आपके सामने।
माँ तू महान है
गाए देवता भी तेरे गुणगान है।
तुने हमें चलना सिखाया
भला क्या है, बुरा क्या है
ये भी बताया।
तू किए कितने अनगिनत एहसान है
माँ......तू महान है।
रोती है तू, जब रोतें है हम
हसंती है तू, जब हसतें है हम
तुझमे जरा भी ना अभिमान है।
माँ...तू महान है।।
अब आगे नही लिख पाउँगा। इसके लिए माफ़ करें। और मुझे लगता है की ये पंकितयां भी कही से सुनी हुई ही है।
तो अब अंकित आपसे ये कह कहके विदा लेता है।
M = Motivater
O = Onlyone
T = Truelove
H = Heartiest
E = Exceptional
R = Responsible
That's Mother. So never Forget to Love Your Mother.
अंकित
प्रथम

8 comments:

Ankit Agrawal said...

i like ur blog friend
"maa" vo hai jo sabse pehle aati,jo hume sikhtai hai hum kon hain or kya kar sakte hain..............






i love my mother
"maa tujhe salaam"

रंजू भाटिया said...

माँ जैसा कोई नही होता है आपने बहुत अच्छा लिखा है माँ पर .

दिनेशराय द्विवेदी said...

माँ का कोई सानी नहीं।

Shastri JC Philip said...

माँ तुझे सलाम! वाह क्या मर्मस्पर्शि लेख है यह!!



-- शास्त्री जे सी फिलिप

-- बूंद बूंद से घट भरे. आज आपकी एक छोटी सी टिप्पणी, एक छोटा सा प्रोत्साहन, कल हिन्दीजगत को एक बडा सागर बना सकता है. आईये, आज कम से कम दस चिट्ठों पर टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!

शैलेश भारतवासी said...

चलिए आप भी कवि हो गए। बढ़िया है। धीरे-धीरे कविता लिखना भी सीख जायेंगे। अब आप कविता-पृष्ठ के नियमित पाठक बन जाइए।

Hemant Pandey said...

maa ki paribhasha pasand aai.

अजित वडनेरकर said...

बहुत बढ़िया लिखा है।
मां की महिमा अपरंपार है। शब्दों के सफर पर मां श्रंखला की चार कडियां लिखी है , वो भी देख लें।

Anita kumar said...

मां तुझे सलाम -सही है