" माँ और पिता "
ईश्वर की बनाई ममता की मूरत है 'माँ' ,
ईश्वर ने गढ़ी वो अनमोल कृति है 'पिता' !
जीवन की तपती धूप में शीतल छाँव है 'माँ' ,
जीवन के अंधेरों में प्रदीप्त लौ है 'पिता' !
ज़िन्दगी के आशियाने का स्तंभ है 'माँ' ,
उस स्तंभ का आधार-नींव है 'पिता' !
मेरे जीवन का अस्तित्व है जिनसे ,
ईश्वर की वो अनमोल सौगात है - 'माँ और पिता' !
- सोनल पंवार
Tuesday, January 25, 2011
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